दम मारो दम


सिगरेट का एक कश खींच कर मारा जाए तो अच्‍छे अच्‍छों के दिमाग को हिला देता है। लेकिन सिगरेट कंपनियों में निवेश किया जाए तो कमजोर से कमजोर निवेशक को ताकतवर बना देता है। इस उद्योग की तगड़ी कंपनी आईटीसी में यदि यह निवेश किया जाए तो फिर कहने ही क्‍या। आज यह कंपनी सिगरेट से ज्‍यादा दूसरे क्षेत्रों मसलन होटल, एपेरल संबंधी, कागज और कृषि निर्यात आदि में जो काम कर रही है, वह हर साल इसके मुनाफे को मोटा करती जा रही है। और अब आईटीसी के निवेशकों के लिए एक खुशखबरी है कि सेंट्रल सेल्‍स टैक्‍स संशोधन विधेयक संसद की स्‍टैंडिंग कमेटी के पास गया है जिससे इस बात की संभावना बढ़ गई है कि सेंट्रल सेल्‍स टैक्‍स यानी सीएसटी को चार फीसदी से कम कर तीन फीसदी करने में अब देरी होगी। इस देरी से सिगरेट पर लागू होने वाला वैट भी लेट लागू होगा। सरकार का इरादा सेंट्रल सेल्‍स टैक्‍स में होने वाली कमी की भरपाई वैट से करने का है। हालांकि, इस देरी के झमले में यह नहीं माना जाना चाहिए कि सिगरेट पर वैट लागू होने का मामला खत्‍म हो गया है। हमारा मानना है कि एक्‍साइज यानी उत्‍पाद शुल्‍क बढ़ाकर पांच फीसदी होने और वैट न होने पर वर्ष 2008 में आईटीसी की प्रति शेयर आय यानी ईपीएस 8.9 रुपए रहेगी जो 22 फीसदी का इजाफा दिखाती है। यदि एक्‍स फैक्‍टरी दाम पर 12.5 फीसदी के वैट को लागू कर लें तो यह ईपीएस 8.2 रुपए रहेगी जो 12 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाती है। यदि 12.5 फीसदी वैट बिक्री मूल्‍य पर लगाया जाता है तो प्रति शेयर आय 7.7 रुपए रहेगी जो पांच फीसदी का इजाफा है। अभी वैट एक्‍स फैक्‍टरी दाम पर लागू होगा या बिक्री दर पर, कुछ भी साफ नहीं है। पिछले एक साल में आईटीसी के शेयर के दाम में 14 फीसदी की गिरावट आ चुकी है और सेंसेक्‍स की बढ़ोतरी से तुलना की जाए तो यह 26 फीसदी गिरा है। हम यह मान लें कि वैट 12.5 प्रतिशत बिक्री भाव पर लगेगा तो आईटीसी वर्ष 2008 में सेंसेक्‍स का 22 फीसदी प्रीमियम पर होगा। जो इसकी पिछले दस साल की औसत के अनुरुप है। आईटीसी शेयर के साथ अब तक जितना बुरा होना था, हो गया लेकिन लंबे समय में अब इसमें बड़े नुकसान की संभावना नहीं है। ऐसे में आईटीसी के शेयर हर निचले स्‍तर पर खरीदना घाटे का सौदा नहीं होगा। आईटीसी की वर्ष 2007 में शुद्ध आय 2750 करोड़ रूपए और प्रति शेयर आय 7.32 रुपए आंकी जा रही है। जबकि वर्ष 2008 में शुद्ध आय 3359 करोड़ रुपए और ईपीएस 8.94 रुपए और वर्ष 2009 में शुद्ध आय 4029 करोड़ रुपए और प्रति शेयर कमाई 10.73 रुपए रहने की उम्‍मीद है।

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
अच्छी जानकारी दी है आपने। सिगरेट की कम्पनीयां रात दोगनी और दिन चौगनी तरक्की कर रहीं हैं।

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