पेड़ छू नहीं सकता आकाश को

भारतीय शेयर बाजार लंबी अवधि की दृष्टि से बेहतर शेयर बाजार है क्‍योंकि यहां रिटर्न दूसरे एशियाई देशों की तुलना में अच्‍छा है। लेकिन एक बात सदैव ध्‍यान रखनी चाहिए कि पेड़ कितना भी लंबा हो जाए, वह आकाश को छू नहीं सकता। यही स्थिति शेयर बाजार के साथ है। निवेशकों को हमारी राय है कि इस समय दो चीजें बेहतर होंगी। पहली, जिन कंपनियों के निवेश पर आपको 40 फीसदी तक रिटर्न मिल रहा हो, उनमें आंशिक मुनाफावसूली कर लें और दूसरा, बड़ी कमाई के लालच में उन कंपनियों के शेयरों में निवेश नहीं करें, जिनके फंडामेंटल में दम नहीं है। यानी दस रुपए वाला शेयर डेढ़ रुपए में मिल रहा है और इसके जल्‍दी चार रुपए होने के लालच में किए जाने वाले निवेश को रोक दें।

शेयर बाजार के पिछले सप्‍ताह ब्रेकआउट होने की उम्‍मीद थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका हालांकि यह सुखद बात रही कि भारतीय शेयर बाजार बीएसई का सेंसेक्‍स 20 हजार अंक से ऊपर पहली बार बंद हुआ। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि शेयर बाजार में तेजी अब 20500 अंक से ऊपर बंद होने पर दिखेगी। बीएसई सेंसेक्‍स 20500 अंक से ऊपर साप्‍ताहिक आधार पर बंद होने पर इसमें तेजी के संकेत दिखाई देंगे। यदि ऐसा होता है तो बीएसई सेंसेक्‍स कम से कम 22 हजार अंक तक पहुंच जाएगा। 20300-­20500 के सेंसेक्‍स पर मुनाफा वसूली कर लांग पोजीशन से बाहर निकल जाए। फ्रंटलाइन स्‍टॉक्‍स में सेंसेक्‍स के 20500 से ऊपर बंद होने के बाद ही लांग पोजीशन लें।

एचएसबीसी के संजीव दुग्‍गल का कहना है कि शेयर बाजारों में अब मंदी की बात कही है और विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करते समय सावधानी बरतने को कहा है। वे कहते हैं कि भारतीय शेयर बाजार काफी गर्म है और अब समय मुनाफा वसूली का है। भारतीय शेयर बाजार का औसत 23 का पीई मल्‍टीपल होना थोड़ा ऊंचा लगता है। विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार अभी भी आकर्षक हैं लेकिन बावजूद इसके ब्राजील, दक्षिण कोरिया और ताईवान जैसे बाजार सस्‍ते हें और इनमें तेजी की संभावनाएं भरपूर हैं। पिछले पांच वर्ष में भारतीय शेयर बाजार ने रिटर्न 40 से 60 फीसदी तक दिया है लेकिन लोगों को एक बात साफ समझ लेनी चाहिए कि कोई भी पेड़ उगकर आकाश तक नहीं पहुंच सकता। भारतीय शेयर बाजार लंबे समय के निवेश की दृष्टि‍ से बेहतर है लेकिन मौजूदा समय में इनकी वेल्‍यू अधिक ऊंची लग रही है। पीई मल्‍टीपल के संदर्भ में हम देखें तो इंजीनियरिंग क्षेत्र की कंपनी एलएंडटी का पीई मल्‍टीपल 56 है जबकि जीई और मित्‍सुबिशी का पीई 17 और 13 है। इसी तरह आईसीआईसीआई का पीई मल्‍टीपल 43 है जबकि सिटीग्रुप और बीएनपी पारिबास का यह 9 और 8 है।

सेबी घरेलू संस्‍थागत निवेशकों को जनवरी से शार्ट सेलिंग करने की अनुमति देने जा रही हैं। स्‍टॉक लैंडिंग एंड बोराईंग यानी एसएलबी के रुप में इस योजना से नकद बाजार संतुलित बनेगा और तरलता की स्थिति सुधरेगी। इसके तहत जब किसी निवेशक को यह लगे कि किसी अमुक शेयर के दाम तेजी से बढे हैं और मौजूदा भाव उचित नहीं है तो कांट्रेरियन थ्‍योरी अपनाकर शार्ट सेलिंग की जा सकती है और जब भाव नीचे आए तो वापस खरीद। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पर चिंता जताई है जिससे एसएलबी के अमल में देर हुई है। सेबी भी मानती है कि शार्ट सेलिंग की वजह से केवल मार्जिन अदा कर अधिक सौदों की स्थिति खड़ी हो सकती है। इससे नकद बाजार अब छोटे, मध्‍यम निवेशकों के हाथ से पूरी तरह निकलकर संस्‍थागत निवेशकों के हाथ में चला जाएगा।

विदेशी संस्‍थागत निवेशक इस महीने क्रिसमस अवकाश पर जाने के मूड में हैं। अमरीका व यूरोप के फंडों को अपने निवेशकों को साल के आखिर में रिटर्न देना होता है जिसकी वजह से उनकी रुचि बाजार में कम दिखेगी और इनका नया पैसा अगले साल जनवरी में आएगा। साथ ही भारतीय फंडों के पास आया पैसा भी उसी समय निवेश होगा। साथ ही सरकार ने लाइफ इंश्‍योरेंस फंड और रुरल पोस्‍टल लाइफ इंश्‍योरेंस फंड को सार्वजनिक क्षेत्र के म्‍युच्‍यूअल फंड के जरिए शेयर बाजार में उतरने की मंजूरी दे दी है। इन दोनों फंडों के तकरीबन दस हजार करोड़ रुपए से अधिक बाजार में आएंगे। यूटीआई एमएफ और एसबीआई एमएफ में माध्‍यम से यह पैसा जल्‍दी ही शेयर बाजार में आएगा। इसके अलावा अब पेंशन फंड का पैसा भी शेयर बाजार में आएगा। इस तरह बाजार में लिक्विडी की कोई कमी आने वाले दिनों में नहीं रहेगी जिससे शेयरों में गर्मी बनी रहेगी लेकिन ध्‍यान रखने की बात यह है कि इंडेक्‍स के बजाय इसे देखें कि आप किस तरह की कंपनी में पैसा निवेश कर रहे हैं क्‍योंकि शेयर विशेष को ध्‍यान में रखकर ही निवेश करने वाले फायदे में रहेंगे।

अमरीकी फैड बैंक ने ब्‍याज दर में कमी की जिसका घरेलू शेयर बाजार पर सकारात्‍मक असर देखने को मिला लेकिन जैसा पिछले सप्‍ताह हमने बताया था कि यदि फैड बैंक ब्‍याज दर को नहीं घटाएगा तो भी उसका हमारे शेयर बाजार पर प्रतिकूल असर नहीं दिखेगा। 17 दिसंबर से शुरु होने वाले नए सप्‍ताह में बीएसई सेंसेक्‍स यदि 20533 अंक पर बंद हुआ तो यह 20888 के नए स्‍तर पर पहुंच सकता है। इसमें स्‍पोर्ट 19533 अंक पर देखने को मिलेगा। निफ्टी 6217 अंक पर बंद होता है तो यह 6347 अंक तक पहुंच सकता है। इसमें स्‍पोर्ट 5868 स्‍तर पर देखने को मिलेगा।

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ भी रहें लेकिन निवेशक यह साफ कर लें कि चर्चा बाजार में कुछ भी हो रही हो, मध्‍यावधि चुनाव नहीं होंगे। ले‍किन गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे यदि भाजपा के पक्ष में आते हैं तो वामपंथी एक बार फिर बाजार के लिए विलेन की भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन निवेशक इससे नहीं डरे और अपने पोर्टफोलियों को वामपंथियों के बयान पर खाली नहीं करें। फंडामेंटल के आधार पर चुनी गई कंपनियों में हाई रिटर्न आने वाले कई साल तक मिलता रहेगा।
निवेशक नए सप्‍ताह में जिन कंपनियों के शेयरों पर ध्‍यान दे सकते हैं उनमें डीएलएफ, महिंद्रा एंड महिद्रा, हिंडाल्‍को, नाल्‍को, इंडियन ओवरसीज बैंक, गुजरात स्‍टेट पेट्रोनेट, आईटीसी, जीएमआर इंफ्रा, साल्‍वे फार्मा, आईडीबीआई, इंद्रप्रस्‍थ मेडिकल, गोदावरी इस्‍पात, बिल्‍ट मुख्‍य है।

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
हमेशा की तरह इस बार भी वाह मनी ने बाजार की नब्ज को अच्छी तरह से भांप लिया है... इतने अनिश्चित बाजार में भी आपके विश्लेषण और अनुमान काबिले तारीफ है... पर एक बात तो कहना ही होगी कि लगभग पिछ्ले 6 महीने से 'वाहमनी' पढते रहने से एक बात तो अच्छी हो गयी है कि अब कैश में बैठे रहना बिलकुल अखरता नही है. बल्कि कैश में रहने के कारण हमेशा निचले स्तरो पर खरीददारी का मौका मिल जाता है... :) ... देखिये बाजार 580 अंक नीचे है और मैं मुस्कुरा रहा हूँ ...
बेनामी ने कहा…
wah money aise hi investers ka hausla badhata rahe.

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