शेयर बाजार में गर्मी लाने के प्रयास

वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद सहमे और कमजोर मानसिकता वाले शेयर बाजार में सरकार जान डालने के प्रयास में जुट गई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कमी की है ताकि सस्‍ते कर्ज उपलब्‍ध हो सके ताकि कार्पोरेट क्षेत्र और आम आदमी इसका लाभ उठा सके और सुस्‍त पड़ी अर्थव्‍यवस्‍था में जान आ सके। साथ ही केंद्र सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपए का एक खास पैकेज अर्थव्‍यवस्‍था के अलग अलग सेक्‍टरों के लिए घोषित किया है, जो शेयर बाजार सहित समूची अर्थव्‍यवस्‍था को गति देगा।

बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स 8 दिसंबर से शुरु हो रहे नए सप्‍ताह में 9444 अंक से 8644 अंक के बीच घूमता रहेगा। जबकि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी 2844 अंक से 2589 के बीच कारोबार करेगा। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीएसई सेंसेक्‍स में पुलबैक अभी बना हुआ है, हालांकि, इसकी प्रकृति इस समय ढुलमुल है जो पुलबैक का ही एक हिस्‍सा होता है। सेंसेक्‍स को तत्‍काल 8649-8316 पर सपोर्ट मिलेगा। यदि सेंसेक्‍स 8316 अंक के नीचे बंद होता है तो इसकी परीक्षा 7697 अंक पर होगी और यहां से गिरने पर यह 6250-6150-6069 अंक तक जा सकता है। लेकिन यदि सेंसेक्‍स 9162-9435 के रेसीसटेंस से ऊपर बंद होता है तो 9721 अंक पर इसकी परीक्षा होगी। इस स्‍तर के पार करने पर यह 10945 अंक तक पहुंच सकता है।

इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शॉर्ट टर्म लैंडिंग रेट यानी रेपो रेट एक फीसदी घटाकर 6।5 फीसदी कर दी है। यह वह दर है जिस पर बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से ओवरनाइट के लिए कर्ज लेते हैं। रिजर्व बैंक के इस कदम से बैंकों के लिए कर्ज लेना आसान हो जाएगा। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट को भी एक फीसदी घटाया है। अब यह दर पांच फीसदी होगी। यह वह दर है जिस पर बैंक अपने पास रखे अतिरिक्‍त नकद को रिजर्व बैंक के पास रखते हैं। हालांकि, बैंक ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है। नई दर आज 8 दिसंबर से लागू हो रही है। इसी तरह, अमरीका, चीन, यूरोपीय समुदाय, ब्रिटेन और न्‍यूजीलैंड सहित अनेक देश भी ब्‍याज दरें घटा चुके हैं ताकि औद्योगिक कारखानों को चालू रखा जा सके।

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में क्रूड अपने 147 डॉलर प्रति बैरल के उच्‍च स्‍तर से गिरकर 40 डॉलर के करीब पहुंच चुका है जिससे सभी कमोडिटी के दाम नीचे आए हैं। इस तरह बाजार के लिए सकारात्‍मक खबरें आ रही हैं लेकिन घरेलू निवेशक आंतकी हमले से इतने डरे सहमे हुए हैं कि उनके विश्‍वास को जीतना कठिन हैं। देश धीरे धीरे लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है। दिल्‍ली में बैठी यूपीए सरकार के लिए अगला चुनाव जीतना काफी कठिन हो गया है। यही वजह है कि अर्थव्‍यवस्‍था को गति देने के अलावा पाकिस्‍तान को आतंक के मुद्दे पर सबक सीखाना उसके लिए जरुरी होता जा रहा है।

यूपीए सरकार यदि पाकिस्‍तान को पटखनी देती है तो उसके लिए अगला आम चुनाव जीतना काफी आसान हो जाएगा। लेकिन पाकिस्‍तान से युद्ध होने पर शेयर बाजार को खासा झटका लग सकता है और सेंसेक्‍स 7100 के स्‍तर तक जा सकता है। इस बीच, केंद्र सरकार ने मंदी से निपटने के लिए 20 हजार करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है। साथ ही सेनवैट में भी 4 फीसदी की कटौती की गई है। इस पैकेज से निर्यात, टेक्‍सटाइल, आवास और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर क्षेत्रों को खास फायदा होगा।

भारतीय शेयर बाजार में अब विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की बिकवाली की धार कमजोर पड़ी है। इन निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से काफी नीचे भावों पर मिल रहे शेयरों में खरीद भी शुरु की है। इन निवेशकों ने अब अल्‍प अवधि के बजाय मध्‍यम से लंबी अवधि की निवेश रणनीति तय की है। इस समय ये निवेशक पावर, फार्मा, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और बैंक शेयरों में निवेश कर रहे हैं।

इस सप्‍ताह निवेशक फैडरल बैंक, कोलगेट पामोलिव, ब्रिटानिया इंडस्‍ट्रीज, ईआईडी पैरी, ट्रेंट, ताज जीवीके होटल्‍स, एनटीपीसी, सन टीवी नेटवर्क और क्‍युमिंस इंडिया पर ध्‍यान दे सकते हैं।

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