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आज कारोबार करें इन 9 शेयरों में

मुंबई। शेयर बाजार निवेशक 24 दिसंबर 2014 को कल्‍याणी स्‍टील, भारती एयरटेल, गुजरात गैस, इंडसइंड बैंक, वोकहार्ट, एम्‍पायर इंडस्‍ट्रीज, टूरिज्‍म फाइनेंस कार्पोरेशन ऑफ इंडिया, इंडिया निप्‍पोन इलेक्ट्रिकल्‍स और गायत्री प्रोजेक्‍टस पर दांव लगा सकते हैं। कल्‍याणी स्‍टील  को 164 रुपए के ऊपर खरीदें और 157 रुपए के स्‍टॉप लॉस के साथ इसका   लक्ष्‍य 169 रुपए एवं 176 रुपए है। यदि यह 157 रुपए के नीचे रहता है तो गिरकर 152 रुपए एवं 142 रुपए आ सकता है। भारती एयरटेल  को 357 रुपए के ऊपर खरीदें और 353 रुपए के स्‍टॉप लॉस के साथ इसका लक्ष्‍य 361 रुपए एवं 364 रुपए है। यदि यह 353 रुपए के नीचे रहता है तो गिरकर 347 और 343 रुपए आ सकता है। गुजरात गैस   को 780 रुपए के ऊपर खरीदें और 731 रुपए के स्‍टॉप लॉस के साथ इसका लक्ष्‍य 815 एवं 860 रुपए है। यदि यह 731 रुपए के नीचे रहता है तो यह गिरकर 690 और 600 रुपए आ सकता है। इंडसइंड बैंक  को 836 रुपए के ऊपर खरीदें और 831 रुपए के स्‍टॉप लॉस के साथ इसका   लक्ष्‍य 839 रुपए एवं 843 रुपए है। यदि यह 831 रुपए के नीचे रहता है तो गिरकर 824 रुपए एवं 821 रुपए आ सकता है।

शेयर बाजार में तेजी 2014 मध्‍य से

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मेरे शेयर विश्‍लेषक मित्र गोपाल मोदी काफी समय से कह रहे हैं कि शेयर बाजार में तेजी वर्ष 2014 के मध्‍य से देखने को मिलेगी।गोपाल मोदी के शेयर बाजार पर दृष्टिकोण को आप भी जानिएं। वे कहते हैं कि भारतीय शेयर बाजार में वहीं कहानी फिर से घट रही है जो वर्ष 2008 में घटी थी। वैसे इसकी शुरुआत विक्रम संवंत 2067 के आरंभ के साथ ही हो गई थी लेकिन मंदी का माहौल दिखने की शुरुआत पहली तिमाही के अंत के साथ हुई। भारतीय शेयर बाजार वर्ष 2011 के आरंभ से ही नकारात्‍मक कारकों से घिरा रहा है। ये कारक चाहे घरेलू हो या अंतरराष्‍ट्रीय। निवेशक एवं छोटे खिलाड़ी हमेशा तेजी या मंदी के एक तरफा रुझान को ही देखते रहते हैं। यह एक निर्विवाद बात है एवं सभी इसे स्‍वीकार करते हैं कि हरेक निवेशक में ऐसे ही गुण कम ज्‍यादा होते हैं। वर्ष 2008 में अमरीका स्थि‍त एपी सेंटर से पैदा हुए भूकंप के झटके दुनिया भर में लगे एवं उनका ही ऑफ्टर शोक वर्ष 2011 के दौरान भी अनुभव किए जा रहे हैं। यदि यह अध्‍ययन गलत न हो तो शेयर बाजार के लिए यह स्थिति वर्ष 2014 के मध्‍य तक देखने को मिल सकती है। ऐसा मानने की वजह मैं अनेक बार बता चुका हूं। इन कारण

मुरली का सीमेंट प्‍लांट बिकने की खबर थी झूठी!

मुरली इंडस्‍ट्रीज के शेयरों पर पिछले समय दांव लगाकर बड़ा पैसा कमाने की इच्‍छा रखने वाले निवेशकों को जोरदार झटका मैक्सिको की सीमेंट कंपनी सीमेक्स सैब द सीवी ने दिया है। इस कंपनी ने यह साफ कर दिया है कि उसने कभी भी मुरली इंडस्‍ट्रीज के सीमेंट प्‍लांट को खरीदने के लिए बातचीत तक नहीं की। कंपनी ने दो टूक शब्‍दों में कहा है कि सीमेक्‍स न तो इस सौदे में शामिल थी और न ही है। मीडिया में आई खबर के बाद सीमेक्‍स ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। जबकि, मुरली इंडस्‍ट्रीज अब चुप है। सेबी ने पिछले दिनों इस कंपनी के प्रमोटरों को एक पुराने मामले में शेयर बाजार में अपने शेयर बेचने से रोक दिया है। बाजार के कुछ खिलाडि़यों का कहना है कि मुरली इंडस्‍ट्रीज के प्रमोटरों और इस शेयर में काम कर रहे कुछ ऑपरेटरों ने मिलकर मीडिया में यह खबर परोसवाई की मैक्सिको की सीमेंट कंपनी ने उसके प्‍लांट को खरीदने की तैयारी कर रही है। इस खबर के बाद मुरली इंडस्‍ट्रीज के शेयरों को पंख लग गए। निवेशकों में मुरली इंडस्‍ट्रीज के शेयर खरीदने के लिए अफरातफरी मच गई और लगा जैसे इस कंपनी के शेयर नहीं लिए तो बहुत कुछ उनके हाथ से छूट जाएगा। इसी क

शेयर बाजार में गर्मी लाने के प्रयास

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वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद सहमे और कमजोर मानसिकता वाले शेयर बाजार में सरकार जान डालने के प्रयास में जुट गई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कमी की है ताकि सस्‍ते कर्ज उपलब्‍ध हो सके ताकि कार्पोरेट क्षेत्र और आम आदमी इसका लाभ उठा सके और सुस्‍त पड़ी अर्थव्‍यवस्‍था में जान आ सके। साथ ही केंद्र सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपए का एक खास पैकेज अर्थव्‍यवस्‍था के अलग अलग सेक्‍टरों के लिए घोषित किया है, जो शेयर बाजार सहित समूची अर्थव्‍यवस्‍था को गति देगा। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स 8 दिसंबर से शुरु हो रहे नए सप्‍ताह में 9444 अंक से 8644 अंक के बीच घूमता रहेगा। जबकि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी 2844 अंक से 2589 के बीच कारोबार करेगा। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीएसई सेंसेक्‍स में पुलबैक अभी बना हुआ है, हालांकि, इसकी प्रकृति इस समय ढुलमुल है जो पुलबैक का ही एक हिस्‍सा होता है। सेंसेक्‍स को तत्‍काल 8649-8316 पर सपोर्ट मिलेगा। यदि सेंसेक्‍स 8316 अंक के नीचे बंद होता है तो इसकी परीक्षा 7697 अंक पर होगी और यहां

अन्तरात्मा खडी़ बजार में...

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मोहन वर्मा पश्चिम बंगाल की जनता के नाम अपने खुले पत्र में टाटा ने बहुत बुनियादी सवाल उठाया है, कि कानून का शासन, आधुनिक ढांचा और औद्योगिक विकास दर वाले खुशहाल राज्य बनाम टकराव, आंदोलन, हिंसा और अराजकता के विध्वंसकारी राजनीतिक माहौल से बरबाद होते राज्य में से पश्चिम बंगाल की जनता किस प्रकार के राज्य को चुनना चाहेगी? इस मूलभूत सवाल के परिप्रेक्ष्य में यह जानना दिलचस्प है, कि एक ही शब्द के मायने, एक ही बात की परिभाषाएं, किस तरह व्यक्तियों और समुदायों के लिए अलग-अलग विरोधाभासी रूख अख्तियार करती हैं। कानून का शासन यह है कि राज्य प्राकृतिक संसाधनों को उन ब़डे देशी-विदेशी उद्योगपतियों के हवाले कर दे, जिनकी औद्योगिक परियोजनाओं की सफलताएं, भारत के भावी विकसित स्वरूप का निर्माण करने वाली हैं। कानून का शासन वे लोग मानें, जिनकी जिंदगियों में शेयरों का, कंपनियों का कोई सीधा दखल नहीं, बल्कि जिनकी जिंदगी की शर्तें जल-जंगल और जमीन से जुडी़ हैं। पश्चिम बंगाल सरकार कानून के शासन के परीक्षण के इस मामले में विफल रही और अंतत: टाटा के आगे बिछ-बिछ जाने को तैयार विभिन्न मुख्यमंत्रियों में से टाटा ने एक म

रियलटी शेयरों से दूर रहने में भलाई

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मुंबई। भारतीय शेयर बाजारों में इस समय रियलटी शेयरों की जमकर धुलाई हो रही है। इस क्षेत्र की कई कंपनियों के शेयर तो अपने इश्‍यू प्राइस से नीचे बिक रहे हैं, जिनमें देश की सबसे बड़ी रियलटी कंपनी डीएलएफ शामिल है। डीएलएफ का आईपीओ प्राइस 525 रुपए था। इसी तरह शोभा डेवलपर्स का आईपीओ प्राइस 640 रुपए, पार्श्‍वनाथ डेवलपर्स का आईपीओ प्राइस 300 रुपए, ओमैक्‍स का आईपीओ प्राइस 310 रुपए और पूर्वांकरा प्रोजेक्‍ट्स का आईपीओ प्राइस 400 रुपए था लेकिन ये सभी इससे कम पर मिल रहे हैं। रेलीगेयर सिक्‍युरिटीज के सुमन मेमानी का कहना है कि रियलटी बाजार पर निकट भविष्‍य में और दबाव पड़ने की आशंका है। आवासीय और व्‍यावसायिक दोनों सेगमेंट पर मांग तेजी से घटी है। साथ ही कच्‍चे माल की लागत में बढ़ोतरी से इन कंपनियों पर के मार्जिन पर दबाव पड़ रहा है। कई बिल्‍डरों और डेवलपरों ने धन की तंगी की वजह से अपनी अनेक परियोजनाओं पर काम रोक दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रूड के बढ़े दाम और महंगाई दर में हो रही लगातार बढ़ोतरी से भारतीय रिजर्व बैंक सीआरआर बढ़ा सकता है। ऐसा हुआ तो पहले से ही बुरे हाल हुए रियल इस्‍टेट की हालत औ

फर्टिलाइजर शेयरों में चमक

देश में फर्टिलाइजर सब्सिडी चालू वित्त वर्ष में दुगुनी से ज्‍यादा दिए जाने से आज फर्टिलाइजर शेयरों में तेजी देखी गई। चालू वित्त वर्ष में फर्टिलाइजर सब्सिडी 950 अरब रुपए दिए जाने का अनुमान है जो बीते वित्त वर्ष 2007-08 में 403 अरब रुपए थी। इस सब्सिडी की वजह से फर्टिलाइजर कंपनियों को नियंत्रित भाव पर फर्टिलाइजर बेचने से होने वाले नुकसान की भरपाई होती है। गौरतलब है कि देश में फर्टिलाइजर के दाम सरकार से नियंत्रित हैं और इस वजह से कंपनियों को होने वाली हानि की भरपाई सब्सिडी से होती है। उद्योग जगत की मानें तो सब्सिडी इस साल अधिक दिए जाने की वजह अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में फर्टिलाइजर के दाम बढ़ना है और यह दबाव घरेलू कंपनियों पर भी देखा जा रहा है जिनकी लागत बढ़ी है। यूरिया के दाम अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में 600 डॉलर प्रति टन पहुंच गए हैं जो पहले 200 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह डायमोनियम फास्‍फेट्स यानी डीएपी के दाम 207 डॉलर से 1270 डॉलर प्रति टन पहुंच गए। इस साल देश में 65 लाख टन डीएपी का आयात होने की संभावना है जो पिछले साल 29 लाख टन था। सरकार ने अब देश में फर्टिलाइजर की लागत घटाने के लिए संयंत्रो

शेयर बाजार मंदडि़यों के हाथों में

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर मंदडि़यों की पकड़ में है। पिछली 9 मई को बनी इंगुलफिंग बीयर कैंडल स्टिक पैटर्न से ही यह पता चला गया था। इसे पैटर्न में शेयर बाजार में एक बार चढ़ाव का समय आता है लेकिन कुछ ही समय में स्थिति बदल जाती है। यह पैटर्न बताता है कि शेयर बाजार पर मंदडि़ए मजबूती से हावी है जिससे बीएसई सेंसेक्‍स में जल्‍द ही बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि, आने वाले दिनों में सेंसेक्‍स वापसी की कोशिश देखी जा सकती है। 16 मई 2008 को समाप्‍त सप्‍ताह में सेंसेक्‍स ने मंदी के इस पैटर्न से उबरने की कोशिश की थी। लेकिन 9 मई को जो कै‍डल स्टिक पैटर्न बना था उसे अब तक पार नहीं पाया जा सका है। सेंसेक्‍स को स्‍पोर्ट 16546 - 16481 अंक पर मिलेगा। यदि सेंसेक्‍स गिरता है और 16481 अंक के नीचे बंद होता है तो 21206 से 14677 अंक गिरने के बाद होने वाली वापसी को फिलहाल भूल जाना चाहिए। 23 मई 2008 को समाप्‍त सप्‍ताह में बीएसई सेंसेक्‍स 17366.05 अंक पर खुला और ऊपर में 17367.13 अंक तक गया। यह नीचे में 16626.11 अंक आया। अंत में सेंसेक्‍स 16649.64 अंक पर बंद हुआ। साप्‍ताहिक आधार पर

सेंसेक्‍स की चढ़ाई में है दम

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार के इंडेक्‍स में फिर से जो गर्मी दिखाई दे रही है उससे पता चलता है आने वाले दिनों में बीएसई सेंसेक्‍स और एनएसई निफ्टी में दम बना रहेगा। बीएसई सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 17251.56 अंक पर खुला ओर नीचे में 16978.89 अंक तक गया लेकिन जल्‍दी ही इसने गति पकड़ी और पहुंच गया 17621;24 अंक की ऊंचाई पर। हालांकि, सेंसेक्‍स आखिर में 17600.12 अंक पर बंद हुआ जो साप्‍ताहिक आधार पर 522 अंक की बढ़त दिखा रहा है। बीएसई सेंसेक्‍स अब अपनी ऊंचाई की ओर वापसी के दूसरे परीक्षण दौर में पहुंच गया है। इस सप्‍ताह साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 17821 - 17942 अंक पर देखने को मिलेगा। साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 17400 - 17178 - 16978 पर देखने को मिलेगा। दो सौ दिन की ईएमए और एसएमए 16907 और 17424 अंक है। पिछले सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 17575 - 18193 की रेंज में प्रवेश किया। इस रेंज में पुल बैक का स्‍तर 17942 अंक दिखता है। ऊपरी छोर पर 17575 - 17821 - 17942 - 18193 अंक के स्‍तर पर नजर रखनी होगी। समान चैनल के अंतर्गत तीन अंक 15532, 14677 और 18895 अंक हैं। ऊप 17968 अंक के आसपास है। यदि बाजार लगातार ऊपर की ओ

चावल कंपनियों के शेयरों में उबाल नहीं

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बासमती चावल के निर्यात पर निर्यात कर लादने की घोषणा से बासमती चावल निर्यात करने वाली कंपनियों के शेयरों को झटका लगा है। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 30 अप्रैल 2008 बुधवार को चावल कंपनियों में केआरबीएल 131.85 रुपए (पिछला बंद भाव 138.75 रुपए), कोहिनूर फूड्स लिमिटेड 94.95 रुपए (पिछला बंद भाव 94.95 रुपए) , एल टी ओवरसीज 57.85 रुपए (पिछला बंद भाव 60.85 रुपए), आरईआई एग्रो 1556.75 रुपए (पिछला बंद भाव 1567.75 रुपए) और चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस 31.25 रुपए (पिछला बंद भाव 30.65 रुपए) पर बंद हुआ। इन मुख्‍य चावल निर्यातक कंपनियों में से चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस में ही मामूली बढ़त दिखी बाकी सभी नरम रहीं। इन चावल कंपनियों के शेयरों के पिछले 52 सप्‍ताह के ऊपरी और निचले भावों को देखें तो केआरबीएल 195/68 रुपए, कोहिनूर फूड्स लिमिटेड 139/45 रुपए, एल टी ओवरसीज 104/36 रुपए, आरईआई एग्रो 1670/188 रुपए और चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस 51/23 रुपए था। केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात को हतोत्साहित करने के इरादे से इस पर आठ हजार रुपए प्रति टन का निर्यात कर लाद दिया है। साथ ही बासमती चावल के निर्यात मूल्य म

श्री अष्‍टविनायक खरीदें, लक्ष्‍य 557 रुपए : नेटवर्थ

श्री अष्‍टविनायक सिने विजन लिमिटेड के शेयर खरीदना फायदेमंद रहेगा। यह राय है नेटवर्थ स्‍टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड की। श्री अष्‍टविनायक सिने विजन लिमिटेड फिल्‍म निर्माण और वितरण कारोबार से जुड़ी प्रमुख कंपनी है। इस कंपनी ने सात फिल्‍में बनाई हैं जिनमें से आखिरी पांच फिल्‍मों ने बॉक्‍स ऑफिस पर तहलका मचाया है। यह ऐसा अनोखा संयोग है कि यह कंपनी लगातार सफल फिल्‍में दे रही हैं। फिल्‍म वितरण कारोबार की बात करें तो यह मुंबई क्षेत्र में अगुवा है और इसका फिल्‍म चयन अच्‍छा है जिनकी सफलता का अनुपात बेहतर है। अगले दो साल में इसका इरादा 13 फिल्‍मों का निर्माण करने का है जिसके लिए इसने बड़े कलाकारों के साथ मशहूर निर्देशकों के साथ करार किए हैं। कंपनी ने अब दिल्‍ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब क्षेत्र में अपने वितरण विस्‍तार के साथ विदेशी वितरण के अधिकार लेने की योजना बनाई है। कंपनी ने फिल्‍म निर्माण और वितरण कारोबार के विस्‍तार के लिए जरुरी धन हाल में एफसीसीबी के माध्‍यम से जुटाया है। यह राशि 342.5 लाख डॉलर है। नेटवर्थ स्‍टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड का मानना है कि वित्त वर्ष 2008-10 तक कंपनी की आय और शुद्ध लाभ में साल

रिलायंस पावर के बोनस की रिकॉर्ड डेट 2 जून

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रिलायंस पावर का शेयर बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 25 अप्रैल को 400 रुपए के पार बंद हुआ। रिलायंस पावर इससे पहले 400 रुपए के पार 3 मार्च 2008 को गया था। इस दिन कंपनी ने अपने बोनस इश्‍यू की घोषणा की थी। रिलायंस पावर ने कहा है कि उसके सदस्‍यों का रजिस्‍टर 3 जून से 5 जून तक बंद रहेगा और इस दौरान जिनका नाम रजिस्‍टर में होगा, उन्‍हें बोनस शेयर दिए जाएंगे। यानी बोनस के लिए निवेशक का नाम 2 जून को कंपनी के रजिस्‍टर में होना जरुरी है। रिलायंस पावर का शेयर 25 अप्रैल को दिन में ऊपर में 404.65 रुपए तक गया ओर यह 402.15 रुपए पर बंद हुआ। आज इसमें 51.25 लाख शेयरों का कामकाज हुआ। रिलायंस पावर का शेयर 24 मार्च 2008 को 303.45 रुपए तक के निचले स्‍तर पर पहुंच गया था, जो अब 32 फीसदी का सुधार दिखा रहा है। रिलायंस पावर कंपनी के प्रमोटरों को छोड़कर सभी शेयर धारकों को बोनस शेयर जारी करेगी। कंपनी का कहना है कि वह दस रुपए वाले प्रत्‍येक पांच शेयर पर तीन शेयर बोनस के रुप में देगी। इस बोनस शेयर से उन लाखों खुदरा निवेशकों को फायदा होगा जिन्‍हें आईपीओ के तहत रिलायंस पावर के शेयर 430 रुपए प्रति शेयर पर मिले थे। इ

चीनी शेयरों में बढ़ रही मिठास

चीनी कंपनियों के लिए अगला सीजन बेहतर होने की आस में संस्थागत निवेशक चीनी से जुड़ी बड़ी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। सरकार ने चीनी उद्योग के भले के लिए जिस तरह कदम उठाने की मंशा दिखाई है, उससे तो यही लगता है। चीनी का उत्‍पादन घटने का अनुमान और चीनी उद्योग के भले के लिए उठने वाले कदमों के बल पर चीनी कंपनियों के शेयरों में पिछले एक महीने में बेहतर बढ़ोतरी देखने को मिली है। देश में इस साल चीनी का उत्‍पादन 250-260 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले साल 284 लाख टन था। गन्‍ने की घटती खेती से यह आंका जा रहा है कि अब अगले सीजन में चीनी का उत्‍पादन 210-220 लाख टन रह जाएगा। गन्ने के भुगतान में होने वाली देरी की वजह से किसान अब गन्‍ने की बोआई को घटा रहे हैं। साथ ही धान व गेहूं के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की वजह से भी किसान गन्‍ने से मुंह मोड़ रहे हैं। चीनी मिल मालिकों ने पिछले साल गन्ने का पैसा देने में काफी देरी कर दी थी। ऐसा इसलिए हुआ था कि गन्ने के दाम ऊंचे थे और चीनी के नीचे। अब किसानों के गन्‍ने की फसल से मुंह मोड़ने की वजह से चीनी के दाम धीरे धीरे बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में च

शेयर बाजार में फिर से तेजी की बुनियाद

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महंगाई पर काबू पाने के प्रयास में मिली सफलता के बाद रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में आधा फीसदी की बढ़ोतरी कर यह संकेत दे दिया कि बढ़ी महंगाई दर को जल्‍दी से रोकने का यही वक्‍त है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने सीआरआर बढ़ाने के बाद इतना समय जरुर दे दिया कि शेयर बाजार के निवेशक अपने को एक झटके के लिए मानसिक रुप से तैयार कर सके। लेकिन, अमरीकी कंपनी इंटेल सहित कुछ कंपनियों के आए बेहतर नतीजों से अमरीकी शेयर बाजारों में जो रौनक लौटी है उसमें सीआरआर फैक्‍टर डिस्‍काउंट होता दिख रहा है। हालांकि, इस समय केवल एक ही नकारात्‍मक कारक क्रूड तेल है जिसके दाम 116 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं। जी सात देशों ने भी आर्थिक मंदी को थामने के लिए सौ दिन की एक कार्य योजना बनाई है जिसके आने वाले दिनों में अनुकूल नतीजे देखने को मिल सकते हैं। जेपी मॉर्गन चेस बैंक के एशिया इकानॉमिक रिसर्च राजीव मलिक कहते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक द्धारा अब 29 अप्रैल को और कोई कदम उठाए जाने की उम्‍मीद नहीं है। हम रिजर्व बैंक के इस तरह के कदम के लिए तैयार थे लेकिन नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर बढ़ाने के समय के प्रति अच

फर्टिलाइजर शेयरों पर रखें नजर

देश में जून से सितंबर के दौरान मानसून के सामान्‍य रहने की संभावना से आज फर्टिलाइजर शेयरों में तेजी आई। केंद्र सरकार के मुताबिक इस साल मानसून लंबी अवधि के औसत का 99 फीसदी रहेगा। निवेशकों को अब फर्टिलाइजर और ट्रैक्‍टर कंपनियों के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। राष्‍ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर 4.96 फीसदी बढ़कर आज 63.45 रुपए पर जा पहुंचा। चंबल फर्टिलाइजर 9.32 फीसदी चढ़कर 56.90 रुपए, नेशनल फर्टिलाइजर 8.94 फीसदी तेज होकर 47.50 रुपए, जीएनएफसी 2.90 फीसदी तेज होकर 145.60 रुपए, नागार्जुन फर्टिलाइजर 6.97 फीसदी बढ़कर 41.45 रुपए, फर्टिलाइजर एंड केमिकल 4.98 फीसदी चमककर 27.40 रुपए, कोरोमंडल फर्टिलाइजर 3.36 फीसदी सुर्ख होकर 121.60 रुपए, जुआरी इंडस्‍ट्रीज 3.06 फीसदी बढ़कर 242.75 रुपए, स्पिक 8.95 फीसदी तेज होकर 27.40 रुपए, खेतान केमिकल 4.92 फीसदी बढ़कर 65 रुपए, बसंत एग्रो टेक 9.98 फीसदी चढ़कर 50.70 रुपए, धरमसी मोरारजी 7.60 फीसदी सुर्ख होकर 13.45 रुपए, शिवा फर्टिलाइजर 4.89 फीसदी तेज होकर 23.60 रुपए और रामा फास्‍फेट्स 4.98 फीसदी बढ़कर 6.96 रुपए पर बंद हुआ। गिरने वालों में जीएसएफसी, दीपक फर्टिलाइजर और एमपी एग

यही होता है लालच का अंजाम !

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बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में आज जिस तरह फ्री फ्लो गिरावट आ रही थी उसने यह तो साफ कर दिया कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार से मिल रहे मंदी के संकेत के बावजूद तेजी का खेल खेलना कितना खतरनाक हो सकता है। वाह मनी ने 11 जनवरी 2008 को अपनी पोस्‍ट डर पर हावी लालच में काफी कुछ चेता दिया था। इसके अलावा 24 दिसंबर 2007 को अपनी पोस्‍ट शेयर बाजार में अगले साल तगड़ी चंचलता ..में भी यह बताया था कि निवेशक मुनाफावसूली करते रहें और हर बड़ी गिरावट पर छोटी छोटी मात्रा में बेहतर स्‍टॉक की खरीद। मुनाफावसूली और बिकवाली में अंतर होता है। हर ऊपरी स्‍तर पर बिकवाली कर निचले स्‍तर पर खरीद करना ही फायदे का सौदा होता है। वाह मनी शेयर बाजार में मंदी की बात नहीं कर रहा है लेकिन अमरीका में सबप्राइम के जो नतीजे सामने आ रहे हैं उससे यह तो साफ हैं कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में घटने वाली हर घटना का हमारे शेयर बाजार पर असर जरुर पड़ेगा। हम अपनी इस राय पर पहले की तरह कायम है कि दिवाली 2008 तक बीएसई का सेंसेक्‍स 25 हजार अंक की ऊंचाई को छू लेगा। आप इसे इस तरह भी ले सकते हैं कि जब हम एक ट्रेन से यात्रा करते हैं तो जरुरी नहीं कि वह जगह एक

बेहतर रिटर्न देगा अपोलो टायर्स

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अपोलो टायर्स ने अक्‍टूबर से दिसंबर 2007 की तिमाही के जो नतीजे पेश किए हैं, वे बाजार की उम्‍मीद से कहीं बेहतर है। कंपनी के शानदार नतीजे और विस्‍तार योजनाओं से पता चलता है कि 32 साल की यात्रा में इस कंपनी ने टायर उद्योग में अपना मुकाम खुद बनाया है। कंपनी की शुद्ध बिक्री चालू वित्‍त वर्ष की तीसरी तिमाही में 974.1 करोड़ रुपए पहुंच गई, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 857.5 करोड़ रुपए थी। इसी तरह शुद्ध लाभ भी 35.1 करोड़ रुपए से बढ़कर 62.2 करोड़ रुपए पहुंच गया। कंपनी की आय में यह बढ़ोतरी ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्‍युफैक्‍चरर्स (ओईएम) की मांग में सुस्‍ती के बावजूद देखने को मिली है। अपोलो टायर्स की बिक्री में रिप्‍लेसमेंट मांग की भूमिका 70 फीसदी रही जो पिछले साल समान तिमाही में 65 फीसदी थी। कच्‍चे माल की लागत में बढ़त के बावजूद कंपनी का ऑपरेटिंग लाभ मार्जिन सुधरा है। अपोलो टायर्स 220 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च से अपना विस्‍तार करने जा रही है। इस विस्‍तार के तहत चेन्‍नई के समीप एक ग्रीनफील्‍ड रेडियल सुविधाएं खड़ी करना है। इस परियोजना के पहले चरण का कार्य अगले 18 महीनों में पूरा होने की संभावना है। इ

शेयर बाजार : अंधेरे के बाद ही उजाला

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भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के बैरोमीटर बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स पिछले दो दिन में एक हजार अंक गिर चुका है और निवेशकों में बेचैनी छा गई है। निवेशकों के मुरझाएं चेहरों पर एक ही सवाल है कि सेंसेक्‍स और शेयर बाजार में आगे क्‍या होगा। क्‍या यह मंदी और बढ़ेगी या फिर मार्केट की रौनक लौट आएगी। हर निवेशक को यह जान लेना चाहिए शेयर बाजार में न तो सब कुछ मिटने जा रहा है और न ही बड़ी तेजी आएगी। लेकिन यह बात ध्‍यान रखनी चाहिए कि हर तगड़ी तेजी के बाद कुछ करेक्‍शन आता ही है लेकिन ऐसे करेक्‍शन स्‍थाई नहीं हैं और शेयर बाजार नई बुलंदियों को छूता रहेगा। बीएसई सेंसेक्‍स जब पांच हजार अंक था और आठ हजार अंक पर आया तब भी यही बातें होती थी कि अब बहुत बढ़ गया बाजार, कभी भी औंधे मुंह गिरेगा। आठ से 15 हजार अंक पहुंचा तब भी इसी तरह की बातें होती थी और आज भी हो रही है। इस तरह की बातों को सोचने के पीछे हमारी गलती नहीं है, बल्कि हमारी मानसिकता आड़े आ जाती है क्‍योंकि हम तगड़ी तेजी देखने के आदी नहीं रहे और पहली बार बाजार में आग लगते हुए देख रहे हैं लेकिन एक गिरावट ब्‍लड प्रेशर गड़बड़ा देती है। यदि इतिहास देखा ज

शेयरों में घटबढ़ सीमित रेंज में

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नए साल के पहले सप्‍ताह ने शेयर बाजार और निवेशकों में तेजी का नया जोश भरा लेकिन पिछले सप्‍ताह जिस तरह से विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने जमकर बिकवाली की उससे अधिकतर निवेशकों में बेचैनी छा गई। 14 जनवरी से शुरु होने वाले नए सप्‍ताह में भी शेयर बाजार के एक सीमित रेंज में ही रहने की उम्‍मीद है। वैसे भी इस सप्‍ताह रिलायंस पावर का पब्लिक इश्‍यू खुल रहा है जिसमें देश के ज्‍यादातर निवेशकों ने पैसा लगाने की तैयारी कर रखी है। आज से शुरु हो रहे नए सप्‍ताह में बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स के 21443 से 20168 अंक के बीच रहने की प्रबल संभावना है। जबकि निफ्टी 6348 से 6066 अंक के बीच घूमता रहेगा। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का मानना है कि शेयर बाजार में तेजी के लिए बीएसई सेंसेक्‍स के 20210 से ऊपर बने रहना जरुरी है। तकनीकी विश्‍लेषक मार्टिन प्रिंग मानते हैं कि सेंसेक्‍स को 19600 पर मजबूत स्‍पोर्ट मिलेगा। सेंसेक्‍स 21 हजार अंक के लेवल को पार करता है तो यह 23 हजार तक पहुंच जाएगा। इस सप्‍ताह देश की अनेक प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे आने जा रहे हैं। यदि जो बेहतर नतीजे समाने रखती हैं तो

शेयर बाजार को मजबूती की जरुरत

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सेंसेक्‍स ने दो सप्‍ताह पहले ब्रेकआउट किया लेकिन भविष्‍य के लिए यह ब्रेकआउट ही पर्याप्‍त नहीं है बल्कि इसमें लगातार बढ़ोतरी होना जरुरी है। सप्‍ताह दर सप्‍ताह शेयर सेंसेक्‍स बढ़ रहा है लेकिन यह बढ़ोतरी टिक नहीं पा रही और उठापटक भरी है। बीएसई का सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 20637.21 अंक पर खुला और नीचे में 20438.19 अंक तक गया। ऊपर में यह 21206.77 अंक तक गया लेकिन अंत में साप्‍ताहिक आधार पर 104 अंक बढ़कर 20827.45 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्‍स में यह लगातार तीसरे सप्‍ताह बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। साप्‍ताहिक रुझान बढ़त का दिख रहा है लेकिन यह तभी उल्‍ट सकता है जब सेंसेक्‍स 20 हजार अंक के नीचे बंद हो। सेंसेक्‍स में साप्‍ताहिक आधार पर ब्रेकआउट इसके 21210 से ऊपर बंद होने पर होगा और यह नई ऊंचाई की ओर बढ़ेगा। मौजूदा समय में ऊपरी स्‍तर पर दबाव देखा जा रहा है। उच्‍च स्‍तर पर पर्याप्‍त मुनाफा वसूली देखने को मिल रही है। सेंसेक्‍स के लिए दो मीडियम टर्म स्‍पोर्ट अंक 18800 और 18100 हैं। सेंसेक्‍स यदि इन दोनों स्‍तरों से नीचे बंद होने पर पूरी तरह टूट