संदेश

बैंक लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रिजर्व बैंक ने किया निराश

चित्र
भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में नरमी लाने की सभी अटकलबाजियों को खाजिर करते हुए बैंक दर, रेपो दर और रिवर्स रेपो दरों को पहले के स्तर पर ही बनाए रखा है। जबकि, बाजार और उद्योग जगत ने उम्‍मीदों से भरी नजरें रिजर्व बैंक पर लगा रखी थीं। रिजर्व बैंक गवर्नर वाई।वी.रेड्डी ने 2007-08 की ऋण एवं मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही की समीक्षा रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि बैंक जरुरत पड़ने पर ब्याज दरों में बीच में भी बदलाव कर सकता है। अमरीका के फैड रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह ब्याज दरों में पौना फीसदी की कटौती किए जाने के बाद यह अटकलें जोरों पर थी कि रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में कमी कर सकता है। बैंक ने बाजार में वित्तीय तरलता की स्थिति को देखते हुए नकद सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक की तिमाही समीक्षा रिपोर्ट जारी होते ही शेयर बाजार में बैंकों के शेयरों में गिरावट का रुझान देखा गया। घोषणा के तुरंत बाद बीएसई के बैंकिंग क्षेत्र के सूचकांक में चार प्रतिशत की गिरावट आई। समीक्षा में रेपो दर को पौने आठ प्रतिशत, रिवर्स रिपो और बैंक दर प्रत्येक को छह फीसदी पर बनाए रखा गया

शेयर बाजार की नजरें रिजर्व बैंक पर

चित्र
शेयर बाजार के खिलाडि़यों की नजरें अब भारतीय रिजर्व बेंक पर लगी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक कल यानी 29 जनवरी 2008 को अपनी मौद्रिक नीति घोषित करेगा। इस नीति में उम्‍मीद की जा रही है कि बैंक ब्‍याज दरों में 25 से 50 बेसिस अंक की कमी करें। इस कदम से न केवल वैश्विवक मंदी के माहौल में हालात अच्‍छे करने का मौका मिलेगा बल्कि घरेलू मांग में बढ़ावा होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर और कर्ज दरों में आखिरी कटौती मार्च 2004 में की थी। जबकि बैंक जून 2006 से पिछले मार्च तक पांच बार इसमें बढ़ोतरी कर चुका है। कारोबारियों का कहना है कि ब्‍याज दरें अपने उच्‍च स्‍तर पर पहुंच चुकी हैं और इससे औद्योगिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सकल घरेलू विकास दर को 8.6 फीसदी बनाए रखने के लिए अर्थव्‍यवस्‍था को मौद्रिक नीति के स्‍पोर्ट की जरुरत है। उल्‍लेखनीय है कि अमरीकी फैड रिजर्व बैंक 22 जनवरी को आनन फानन में ब्‍याज दरों में 75 बेसिस अंकों की कमी कर चुका है और यह माना जा रहा है कि 29-30 जनवरी को होने वाली बैठक में अर्थवयवस्‍था में कमजोरी दिखने पर ब्‍याज दर में और कटौती कर सकता है। ब्‍याज दर में कटौती को लेकर कोई भी