शेयर बाजार को गिराने की तैयारी !
भारतीय शेयर बाजारों के लिए मई का महीना भय का महीना बन गया है। 12 मई 1992, 15 मई 2006, 17 मई 2004, 18 मई 2006, 19 मई 2006 और 22 मई 2006 को आई गिरावट को याद कर निवेशक आज भी अंदर तक कांप जाते हैं। मई की इन तारीखों ने बड़े बड़े और धैर्यवान निवेशकों तक को रुला दिया था। दुनिया के कई शेयर बाजारों में आज भी गर्मी है, लेकिन भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली का माहौल पिछले दो दिनों से देखा जा रहा है। यही वजह है कि आज भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का सेंसेक्स 114 अंक गिरकर बंद हुआ है। बीएसई सेंसेक्स यह 13765 अंक पर बंद हुआ है, जो 14 हजार के मानसिक स्तर से नीचे है। निवेशकों के दिलों को सुकून तब मिलेगा जब सेंसेक्स 14 हजार अंक से ऊपर बंद होगा, अन्यथा दिलों की धड़कन बढ़ जाएगी। पूंजी बाजार के अनेक खिलाड़ी कह रहे हैं कि इस महीने बीएसई सेंसेक्स एक हजार अंक तो गिर ही जाएगा, लेकिन लंबी अवधि में वे यह भी मानते हैं कि मंदी टिक नहीं पाएगी। यहां गिरावट का एक अन्य कारण जो नजर आ रहा है वह भी गौर करने लायक है क्योंकि आपने कहावत सुनी होगी कि मौत के अनेक बहाने....सेबी ने डीएलएफ के पब्लिक इश्