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जिंदल सॉ में पैसे के अपार मौके

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देश की सबसे बड़ी पाइप निर्माता कंपनी जिंदल सॉ को हाल में 25 करोड़ डॉलर के ऑर्डर मिले हैं। इन ऑर्डर के बाद कंपनी के पास लगभग 85 करोड़ डॉलर के ऑर्डर हैं। इन ऑर्डरों को जनवरी 2009 तक पूरा करना है। 31 दिसंबर 2007 को समाप्‍त तिमाही में कंपनी को की शुद्ध बिक्री में  सवा चार फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। कंपनी की अमरीकी डिवीजन ने अक्‍टूबर से ही कार्य करना शुरू किया है। लेकिन इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 19 फीसदी बढ़कर 71.7 करोड़ रुपए पहुंच जाने की उम्‍मीद है। एक्‍सप्‍लोरेशन और प्रॉडक्‍शन गतिविधियों का जोर होने से समूची दुनिया के पाइप निर्माताओं के पास बेहतर ऑर्डर स्थिति है। जिंदल सॉ भारत में सबसे बड़ी पाइप निर्माता कंपनी है और उसके सामने इस मौके का भरपूर लाभ उठाने का अवसर है। कंपनी को हाल में जो 25 करोड़ डॉलर का आर्डर मिला है वह मध्‍य पूर्व देशों से मिला है। जिंदल सॉ में प्रमोटरों की हिस्‍सेदारी 43 फीसदी है, जबकि विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के पास 13 फीसदी, संस्‍थागत निवेशकों के पास 18 फीसदी और आम जनता व अन्‍य के पास 26 फीसदी शेयर हैं। पिछले 52 सप्‍ताह में इस कंपनी का शेयर नीचे में

सेंसेक्‍स का अगला मुकाम 22 हजार

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के बैरोमीटर बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सेंसेक्‍स ने पिछले सप्‍ताह ब्रेक आउट का कमाल कर दिखाया। यह ब्रेक आउट 20500 अंक पर हुआ। सेंसेक्‍स अब तक ब्रेक आउट के लिए जूझ रहा था जो अंतत: शुक्रवार को हुआ। बीते शुक्रवार को सेंसेक्‍स ऊपर में 20762.80 अंक तक गया और अंत में 20686.89 अंक पर बंद हुआ। इस ब्रेक आउट के बाद प्रश्‍न उठता है कि अब आगे क्‍या होगा। इस ब्रेक आउट के बाद एक बात साफ नजर आ रही है कि अब फ्रंटलाइन शेयर नई ऊंचाई की ओर बढ़ेंगे। बीएसई सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 20323।28 अंक पर खुला और नीचे में 20077.40 अंक तक गया। सेंसेक्‍स बाद में बढ़कर 20762.80 अंक तक आया और 20696.98 अंक पर बंद हुआ। इस तरह साप्‍ताहिक आधार पर सेंसेक्‍स में 406 अंक की बढ़ोतरी देखी गई। अगले सप्‍ताह के लिए साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 20439-20255- 20000 पर होगा। साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 20940 और 21626 अंक पर रहेगा। यदि सब कुछ सही रहता है और बीएसई सेंसेक्‍स 20 हजार अंक से ऊपर बना रहता है तो इसके 22 हजार अंक की ओर बढ़ने की आस की जा सकती है। अन्‍यथा सेंसेक्‍स के घटकर 18182 आने की आशंका रहेगी। सेंसे

फ्यूचर एंड ऑप्‍शन के नए खिलाड़ी

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सेबी जल्‍दी ही कुछ और कंपनियों को फ्यूचर एंड ऑप्‍शन की सूची में शामिल करने को मंजूरी देगी। जिन कंपनियों को इस सूची में शामिल किया जा रहा है, उनके नाम इस तरह हैं। यहां एक बात मैं स्‍पष्‍ट कर दूं कि यह सूची सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक है। इस सूची के इस महीने के आखिर तक आने के आसार हैं। हिंदुस्‍तान मोटर्स एचएमटी आरसीएफ पीटीसी इंडिया सेंचुरियन बैंक हिमाचल फ्युच्‍यूरिस्टिक मर्केटर लाइंस पंजाब ट्रैक्‍टर डीसीडब्‍लू

क्‍या बात है, वाह मनी ! की

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कुछ बातें किताबों में लिखी जाती हैं और कुछ जीवन का यथार्थ होता है। जीवन का यथार्थ, जो आदर्श से नहीं, मनी से संचालित है। आज हम एक ऐसे ब्‍लॉग के बारे में बात करने वाले हैं, जो जीवन की इसी मुख्‍य धुरी पर के बारे में बात करता है। वाह मनी ! आपको मनी के महत्‍व और उसे ठीक तरीके से सुनियोजित करना सिखाता है। पूरी ब्‍लॉग चर्चा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

केशोराम इंडस्‍ट्रीज में बाकी है कमाई

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बसंत कुमार बिड़ला समूह की कंपनी केशोराम  इंडस्‍ट्रीज का शेयर आज 3 जनवरी 2008 को 595 रुपए पर बंद हुआ है लेकिन अभी भी इसमें विपुल संभावनाएं हैं और यह निश्‍चित रुप से बढ़ेगा। हालांकि, 5 अप्रैल 2007 को इसका भाव 295 रुपए था जो 11 दिसंबर 2007 को 675 रुपए पहुंच गया। केशोराम इंडस्‍ट्रीज के कार्य प्रदर्शन को देखते हुए मध्‍यम अवधि में इसका शेयर 750 रुपए की ऊंचाई पर पहुंच सकता है। इसका बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में कोड 502937 है। केशोराम इंडस्‍ट्रीज सीमेंट, ऑटोमोबाइल टायर एवं टयूब, विस्‍कॉस फिलामेंट यार्न एवं ट्रांसपरेंट पेपर, हैवी केमिकल्‍स, कॉस्टिक सोडा, हाइड्रोक्‍लोरिक एसिड, स्‍पन पाइप्‍स और रिफ्रैक्‍टरीज के उत्‍पादन से जुड़ी हुई है। कंपनी की एक डिवीजन केशोराम रेयॉन का पश्चिम बंगाल के नयासारी में रेयॉन संयंत्र है जिसकी स्‍थापित क्षमता साढ़े छह टन सालाना है। इस संयंत्र में 3600 टन सालाना सेलोफेन पेपर, 3600 टन सालाना कार्बन-ड‍ी-सलफाइड और 36500 टन सालाना सलफ्यूरिक एसिड का उत्‍पादन किया जाता है। केशोराम की सीमेंट ब्रांड बिड़ला शक्ति है, जबकि टायर बिड़ला टायर्स के नाम से बिकते हैं। केशोराम इंडस